हमारे दैनिक जीवन में लकड़ी की महता को बताने की आवश्यकता नहीं है ! आदिकाल से लकड़ी जीवन का अभिन्न हिस्सा रही है ! पर आज कल जिस गति से पृथ्वी पर पेड़ों की कटाई हो रही है वो एक गंभीर चिंता का विषय है ! भारत में पूर्णतया रोक लगा देने के बावजूद चोरी छुपे पेड़ों की कटाई होती ही है ! आज कल विशेषकर जो लकड़ी आयात होती है वो मलेशिया, या अफ्रिका के घाना जंगल से अधिक होती है ! अपनी महता के हिसाब से इनको कई प्रकारों में विभाजित किया गया है ! गुजरात के गाँधीधाम में प्रचुर मात्रा में ये लकडिया उपलब्ध हैं !
yes its very important part of human life
ReplyDeleteदेख तमाशा लकड़ी का -चार जने जब लेकर चालें ,काया कैसे रोई ताज दिए प्राण .सुन्दर चित्रमय संक्षिप और मनोहर सौदेश्य प्रस्तुति .और लिखिए .खामोश क्यों हैं ?
ReplyDelete.http://veerubhai1947.blogspot.com/
बुधवार, १० अगस्त २०११
सरकारी चिंता
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Thursday, August 11, 2011
Music soothes anxiety, pain in cancer "पेशेंट्स "
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ऑटिज्म और वातावरणीय प्रभाव। Environment plays a larger role in autism.
Posted by veerubhai on Wednesday, August 10
Labels: -वीरेंद्र शर्मा(वीरुभाई), Otizm, आटिज्म, स्वास्थ्य चेतना
लकडी शुरू से अंत तक लगती है, बहुत सही.
ReplyDeleteरामराम